कुंडली मिलान भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर विवाह के संदर्भ में। इसे विवाह से पहले वर और वधू की जन्म कुंडलियों का मिलान कर उनकी संगति, सामंजस्य और भविष्य के सुखद दांपत्य जीवन का आकलन करने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
कुंडली मिलान क्या होता है?
कुंडली मिलान (kundali milan in hindi) में वर और वधू की जन्म कुंडलियां (जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर बनाई गईं) का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से अष्टकूट मिलान प्रणाली पर आधारित होती है। अष्टकूट मिलान में आठ विभिन्न पहलुओं का मिलान किया जाता है, जिनमें प्रमुख हैं:
वरना - व्यक्तित्व और स्वभाव।
वश्य - एक-दूसरे पर प्रभाव।
तारा - स्वास्थ्य और जीवन की समृद्धि।
योग्यता (योनि) - शारीरिक और मानसिक संगति।
ग्रह मैत्री - ग्रहों के सामंजस्य।
गण - मानसिक संगति।
भकूट - भावनात्मक जुड़ाव और संतुलन।
नाड़ी - संतानों से जुड़े पहलू।
हमारे जीवन में कुंडली मिलान का महत्व
दांपत्य जीवन का सामंजस्य: कुंडली मिलान यह सुनिश्चित करता है कि पति-पत्नी के स्वभाव और विचार मेल खाते हैं या नहीं।
समस्या और समाधान: विवाह के बाद आने वाली संभावित समस्याओं की पहचान कर उपाय सुझाए जाते हैं।
स्वास्थ्य और संतति: यह सुनिश्चित किया जाता है कि दंपति का स्वास्थ्य और संतान सुख शुभ हो।
धन और समृद्धि: कुंडली से यह भी देखा जाता है कि विवाह के बाद आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी।
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शादी के लिए कुंडली मिलान कैसे करें?
जन्म विवरण इकट्ठा करें: वर और वधू की सटीक जन्म तिथि, समय और स्थान प्राप्त करें।
ज्योतिषी से संपर्क करें: एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से संपर्क कर कुंडली तैयार कराएं।
ऑनलाइन कुंडली मिलान: कई वेबसाइट और ऐप भी कुंडली मिलान की सुविधा प्रदान करते हैं।
अष्टकूट मिलान स्कोर देखें: अष्टकूट मिलान में 36 गुण होते हैं। आमतौर पर 18 या उससे अधिक गुणों का मिलान शुभ माना जाता है।
मांगलिक दोष जांचें: कुंडली में मांगलिक दोष या अन्य अशुभ योगों की पहचान करें।
कुंडली मिलान का निष्कर्ष
36 में से 18 गुण या अधिक का मिलान शुभ माना जाता है।
अगर कम गुण मिलते हैं, तो ज्योतिषीय उपाय सुझाए जा सकते हैं।
केवल कुंडली पर निर्भर न रहें। भावनात्मक और वैचारिक संगति भी उतनी ही जरूरी है।
FAQs
प्रश्न1. कुंडली मिलान जरूरी क्यों है?
उत्तर- यह सुनिश्चित करने के लिए कि विवाह के बाद जीवन सुखमय रहेगा और कोई बड़ा संघर्ष न हो।
प्रश्न2. अगर गुण कम मिलें तो क्या करें?
उत्तर - ज्योतिषीय उपाय, पूजा-पाठ या रत्न धारण कर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
प्रश्न3. क्या कुंडली मिलान पर ही निर्भर करना चाहिए?
उत्तर - नहीं, कुंडली मिलान के साथ-साथ दोनों व्यक्तियों का आपसी समझ, विचार और भावनात्मक जुड़ाव भी जरूरी है।