एएमएच टेस्ट (AMH Test) एक रक्त जांच है जो महिलाओं में एंटी-म्यूलरियन हार्मोन (Anti-Müllerian Hormone) के स्तर को मापता है। यह हार्मोन महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में मौजूद छोटी-छोटी अंडाणु थैलियों (follicles) द्वारा उत्पन्न होता है। एएमएच का स्तर यह संकेत देता है कि महिला की ओवरी में कितने अंडे बचे हुए हैं, यानी उसकी ओवेरियन रिजर्व (Ovarian Reserve) कितनी है। यह टेस्ट उन महिलाओं के लिए खासतौर पर उपयोगी होता है जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं, या फिर उन्हें यह जानना है कि उनकी प्रजनन क्षमता (fertility) कैसी है। जिन महिलाओं को इनफर्टिलिटी की समस्या हो, पीसीओएस (PCOS) हो, या जो आईवीएफ (IVF) जैसे ट्रीटमेंट की तैयारी कर रही हों, उनके लिए यह टेस्ट बेहद जरूरी माना जाता है। एएमएच टेस्ट से क्या जानकारी मिलती है? ओवेरियन रिजर्व (अंडाणु की संख्या) का अंदाज़ा पीसीओएस की स्थिति का संकेत रजोनिवृत्ति (menopause) के संभावित समय का पूर्वानुमान आईवीएफ ट्रीटमेंट में दवाओं की मात्रा तय करने में मदद इस टेस्ट की खास बात यह है कि इसे किसी भी दिन करवाया जा सकता है, यह मासिक धर्म चक्र के किसी खास दिन पर निर्भर नहीं होता। निष्कर्ष: एएमएच टेस्ट महिलाओं की प्रजनन क्षमता का आकलन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप परिवार नियोजन कर रही हैं या किसी कारणवश गर्भधारण में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
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